Sunday, 18 February 2018

आज त्रिपुरा में वोटिंग...सीपीआईएम की स्तिथि मजबूत...


Dated : 18 February 2018

आखिर 18 फरवरी आगई आज त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाने है.. यहां पिछले 25 साल से सीपीआईएम की सरकार है… इस बार बीजेपी के एजेंडे में त्रिपुरा सबसे ऊपर है…. लेकिन 25 साल की एन्टीइन्कम्बेंसी होने के बावजूद त्रिपुरा में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए सीपीआईएम को हराना आसान नहीं है.... पिछले चुनाव में त्रिपुरा में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और सीपीआईएम के बीच रहा था.....लेकिन विधानसभा चुनाव 2018 में यह त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है......त्रिपुरा विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है..... कांग्रेस इसे बड़ी चुनौती के रूप में देख रही है....इस बार कांग्रेस ने 56 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं..... कांग्रेस और सीपीआईएम  के अलावा बीजेपी ने भी त्रिपुरा की कुर्सी हथियाने के लिए पूरी ताकत झोंकी है... बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचार का प्रमुख चेहरा रखा है…. लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री के कद के सामने बीजेपी का कोई दूसरा नेता टिक नहीं पा रहा…..  बीजेपी वोट बटोरने के लिए त्रिपुरा में हिंदुत्व कार्ड खेल रही है… त्रिपुरा में पिछले 25 साल से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी यानी सीपीआईएम की सरकार है… पिछले चुनाव में सीपीआईएम और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई थी जिसमें कांग्रेस के हाथ 60 में से सिर्फ़ दस सीटें लगी थीं… बाकी की उनचास सीटों पर सीपीआईएम और एक सीट पर सीपीआई ने जीत हासिल की थी… कांग्रेस के 6 विधायक बाद में तृणमूल कांग्रेस में और फिर बीजेपी में शामिल हो गये…इस तरह बीजेपी की एंट्री त्रिपुरा विधानसभा में हो तो गई…मगर उसने अभी तक राज्य में एक भी सीट पर चुनाव नहीं जीता है… ये विधानसभा चुनाव उसकी असली परीक्षा हैं…राज्य के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के नेतृत्व वाली सीपीआईएम सरकार के त्रिपुरा में आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने और Armed Forces Special Powers Act को हटाने से त्रिपुरा की जनता काफी खुश है और पार्टी को इसका चुनाव में बेहद फ़ायदा मिल सकता है..... देश के 31 मुख्यमंत्रियों पर हाल ही में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉ‌र्म्स ने नेशनल इलेक्शन वाच के साथ मिलकर एक रिपोर्ट जारी की.... रिपोर्ट के मुताबिक त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्री हैं जिनकी कुल 26 लाख रुपये की संपत्ति है.. इस सम्पत्ति में बीस लाख से ज़्यादा उनकी पत्नी को रिटायरमेंट के बाद मिला पीएफ़ का पैसा है .माणिक सरकार पिछले 20 सालों से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री हैं वे पहली बार साल 1998 में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बने थे..इस बार के विधानसभा चुनाव में भी सीपीआईएम की स्तिथि काफी मजबूत नज़र आरही है... सीपीआईएम पिछले 25 साल से सत्ता में काबिज़ है और 25 साल एंटी इंकम्बेंसी होने बावजूद भी सीपीआईएम को हराना कांग्रेस और बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर होगा…. 


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