Dated : 15 September 2016
जब मुझे यह बात समझ आ गयी कि मुझे आगे जाकर अब पत्रकारिता करना है और दिल्ली से ही करना है तो मैंने पता करना शुरू किया की कौन कौन से कॉलेज है और उनमे से सबसे बेहतर कौनसा है काफी जगह पता करने के बाद , लोगो से उनकी राय भी ली और इंटरनेट पर भी काफी खोजा और अंत में सारी चीज़ों और बातों की समीक्षा की तो पाया की Apeejay Institute Of Mass Communication (AIMC) सबसे बेहतर संस्थान है प्रत्रकारिता का तो मैंने ऑनलाइन फॉर्म भरा और कुछ दिनों बाद इंटरव्यू पास कर के टेलीविज़न एवं रेडियो प्रोडक्शन / जर्नलिज्म में दाखिला लिया.
यह खामोश्मिजाजी हमको जीने नहीं देगी इस कम्पटीशन के दौर में जीना है तो कुछ अनोखा करो यारो .
एक अलग ही ख़ामोशी लेकर अपने शहर सागर , मध्यप्रदेश से निकला था ,कालेजों के कम्पटीशन के दौर में बाज़ी Apeejay Institute Of Mass Communication ने मारी और अब कुछ अनोखा करने की मेरी बारी थी
20 जुलाई 2016 को एक अनोखे एवं अद्भुत सफ़र की शुरुआत हुई शुरू के एक सप्ताह तक ओरिएंटेशन प्रोग्राम चला जिसमे मीडिया जगत की कई सारी बड़ी बड़ी हस्तियाँ ने शिरकत की. जो बातें मैंने कॉलेज के बारे में सुनी थी उससे एक कदम आगे है ये कॉलेज और अब कोई भी संदेह नहीं था मेरे दिमाग में. इस एक सप्ताह में मुझे इस बात पर यकीन हो गया था कि मेरी पत्रकारिता की मजबूत नीव सिर्फ और सिर्फ यहीं राखी जा सकती है .
विविधताओं का देश है भारत वैसे ही विविधताओं का महासागर है Apeejay Institute Of Mass Communication क्योंकि देश के अलग अलग राज्यों से आये हुये सारे प्रतिभाशाली छात्रों का समावेश है यह Apeejay परिवार. और इसी कारण मुझे हमारे देश की अलग अलग राज्यों की संस्कृति , भाषा और तौर तरीके के बारे में जानने का मौका मिला जिसके लिए में हमेशा कॉलेज का आभारी रहूँगा क्योंकि वैसे मैं कभी भी इतना कुछ अपने देश की बारे में नहीं जान पाता जो मुझे जानने का मौका यहाँ मिला.
चलिए अब बात करते है कॉलेज के माहोल के बारे तो बताना चाहूँगा की AIMC एक संस्थान नहीं बल्कि एक परिवार है क्योंकि यहाँ के शिक्षक गण जो है वो गुरु होने के साथ – साथ एक मित्र की तरह हर छात्र की परेशानी समझ कर उनका समाधान भी करते है. और सबसे अच्छी बात है की हर एक छात्र की पढाई - लिखाई के साथ साथ एक बहुत बारीक नज़र सभी की उपस्तिथि (Attendance) पर होती है ताकि किसी का भी नुकसान नहीं हो, यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है क्योंकि अक्सर ऐसा देखने बहुत कम होता है की छात्रों से जादा उपस्तिथि की फ़िक्र कॉलेज प्रबंधन हो है.
AIMC की सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि फीस मैंने एक कोर्स की दी है पर मुझे यहाँ तीन और कोर्स के बारे में भी पढाया जा रहा है . मैं यहाँ पत्रकारिता ( जर्नलिज्म ) और राजनैतिक पत्रकार बनने के लिए आया था और मेरा पूरा ध्यान उसी तरफ था . पर यहाँ मुझे बार बार प्रेरित किया गया की मुझे सारे काम सीखने चाहिए और कहा गया कि हो सकता है सीखने की कोशिश में मेरे अन्दर के कुछ छुपे हुए पहलु या प्रतिभा के बारे में मुझे पता चले और ऐसा हुआ भी. इसी कोशिश के दौरान मुझे प्रोडक्शन के बारे में सीखना मिला. शुरुआत में मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था लेकिन धीरे – धीरे मेरा झुकाव प्रोडक्शन की तरफ हुआ . यहाँ मैंने साथिओं के साथ खुद फिल्म बनाना सीखा और कुछ फिल्में बनाई भी , यह मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है क्योंकि जिस लड़के को सिर्फ राजनीति से जुडी हुयी बातों और मुद्दों से मतलब था अब उसे प्रोडक्शन में भी दिलचस्पी है .
आज मेरे अन्दर काफी बदलाव आये है , जिसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ AIMC के प्रबंधन को जाता है जिन्होंने मेरे अन्दर फिल्म के प्रोडक्शन करने की क्षमता को पहचाने में मेरी मदद की . अगर कही और दाखिला लेता तो शायद ज़िन्दगी भर सिर्फ यही सोचता की पत्रकारिता के आलावा कुछ नहीं कर सकता इसिलए मैं कहता हूँ AIMC एक महासागर की तरह है मेरे लिए .
यही है मेरा सफ़र मेरे शहर सागर से एपीजे महासागर तक.
यह खामोश्मिजाजी हमको जीने नहीं देगी इस कम्पटीशन के दौर में जीना है तो कुछ अनोखा करो यारो .
एक अलग ही ख़ामोशी लेकर अपने शहर सागर , मध्यप्रदेश से निकला था ,कालेजों के कम्पटीशन के दौर में बाज़ी Apeejay Institute Of Mass Communication ने मारी और अब कुछ अनोखा करने की मेरी बारी थी
20 जुलाई 2016 को एक अनोखे एवं अद्भुत सफ़र की शुरुआत हुई शुरू के एक सप्ताह तक ओरिएंटेशन प्रोग्राम चला जिसमे मीडिया जगत की कई सारी बड़ी बड़ी हस्तियाँ ने शिरकत की. जो बातें मैंने कॉलेज के बारे में सुनी थी उससे एक कदम आगे है ये कॉलेज और अब कोई भी संदेह नहीं था मेरे दिमाग में. इस एक सप्ताह में मुझे इस बात पर यकीन हो गया था कि मेरी पत्रकारिता की मजबूत नीव सिर्फ और सिर्फ यहीं राखी जा सकती है .
विविधताओं का देश है भारत वैसे ही विविधताओं का महासागर है Apeejay Institute Of Mass Communication क्योंकि देश के अलग अलग राज्यों से आये हुये सारे प्रतिभाशाली छात्रों का समावेश है यह Apeejay परिवार. और इसी कारण मुझे हमारे देश की अलग अलग राज्यों की संस्कृति , भाषा और तौर तरीके के बारे में जानने का मौका मिला जिसके लिए में हमेशा कॉलेज का आभारी रहूँगा क्योंकि वैसे मैं कभी भी इतना कुछ अपने देश की बारे में नहीं जान पाता जो मुझे जानने का मौका यहाँ मिला.
चलिए अब बात करते है कॉलेज के माहोल के बारे तो बताना चाहूँगा की AIMC एक संस्थान नहीं बल्कि एक परिवार है क्योंकि यहाँ के शिक्षक गण जो है वो गुरु होने के साथ – साथ एक मित्र की तरह हर छात्र की परेशानी समझ कर उनका समाधान भी करते है. और सबसे अच्छी बात है की हर एक छात्र की पढाई - लिखाई के साथ साथ एक बहुत बारीक नज़र सभी की उपस्तिथि (Attendance) पर होती है ताकि किसी का भी नुकसान नहीं हो, यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है क्योंकि अक्सर ऐसा देखने बहुत कम होता है की छात्रों से जादा उपस्तिथि की फ़िक्र कॉलेज प्रबंधन हो है.
AIMC की सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि फीस मैंने एक कोर्स की दी है पर मुझे यहाँ तीन और कोर्स के बारे में भी पढाया जा रहा है . मैं यहाँ पत्रकारिता ( जर्नलिज्म ) और राजनैतिक पत्रकार बनने के लिए आया था और मेरा पूरा ध्यान उसी तरफ था . पर यहाँ मुझे बार बार प्रेरित किया गया की मुझे सारे काम सीखने चाहिए और कहा गया कि हो सकता है सीखने की कोशिश में मेरे अन्दर के कुछ छुपे हुए पहलु या प्रतिभा के बारे में मुझे पता चले और ऐसा हुआ भी. इसी कोशिश के दौरान मुझे प्रोडक्शन के बारे में सीखना मिला. शुरुआत में मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था लेकिन धीरे – धीरे मेरा झुकाव प्रोडक्शन की तरफ हुआ . यहाँ मैंने साथिओं के साथ खुद फिल्म बनाना सीखा और कुछ फिल्में बनाई भी , यह मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है क्योंकि जिस लड़के को सिर्फ राजनीति से जुडी हुयी बातों और मुद्दों से मतलब था अब उसे प्रोडक्शन में भी दिलचस्पी है .
आज मेरे अन्दर काफी बदलाव आये है , जिसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ AIMC के प्रबंधन को जाता है जिन्होंने मेरे अन्दर फिल्म के प्रोडक्शन करने की क्षमता को पहचाने में मेरी मदद की . अगर कही और दाखिला लेता तो शायद ज़िन्दगी भर सिर्फ यही सोचता की पत्रकारिता के आलावा कुछ नहीं कर सकता इसिलए मैं कहता हूँ AIMC एक महासागर की तरह है मेरे लिए .
यही है मेरा सफ़र मेरे शहर सागर से एपीजे महासागर तक.
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